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Sunday, May 28, 2017

यौन हिंसा और राजकीय हिंसा के खिलाफ महिलायंे WSS उत्तर प्रदेश

यौन हिंसा और राजकीय हिंसा के खिलाफ महिलायंे
WSS
उत्तर प्रदेश
हम डब्ल्यूएसएस के लोग कल बीएचयू की छात्राओं के साथ पुलिस द्वारा की गयी अभद्रता, लैंगिक धमकियों और गाली-गलौच की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। बीएचयू और आईआईटी की लड़कियों के साथ इस तरह का गैरकानूनी व्यवहार करने वाले थाना इंचार्ज महेश शर्मा की तत्काल बर्खास्तगी और उसके खिलाफ कार्यवाही करने की भी मांग करते हैं।
ज्ञात हो कि कल दिनांक 27 मई 2017 को जब मुख्यमंत्री बनारस के बीएचयू दौरे पर गये थे, तो भगत सिंह छात्र मोर्चा और बीएचयू आईआईटी के छात्र संगठन स्टूडेंट फॉर चेन्ज, एसएफसी ने सहारनपुर में दलितों पर हुए हमले और ज्यादती के खिलाफ बीएचयू गेट पर एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहा। छात्र छात्रायंे गेट पर प्लेकार्ड के साथ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, जब पुलिस ने इन्हें जबरन गाड़ी मंे ठूंस दिया, इनके साथ मारपीट की और भद्दी और अश्लील गालियों के साथ इन्हें ‘इनकाउण्टर’ कर देने की धमकी भी दी। प्रदर्शन कारी तीन छात्राओं को अश्लील गालियां दी। लंका थाना क्षेत्र के प्रभारी महेश मिश्रा ने महिला पुलिस कर्मी होने के बावजूद खुद इन्हें मारा, खींचा और गुप्तांगों में पेट्रोल डालने सहित बेहद गंदी भाषा में इन्हें धमकियां दीं। इन्हें ‘रंडी’, ‘वेश्या’ कहा। पुलिस की यह कार्यवाही सामंती, पितृसत्तात्मक, महिला विरोधी बेहद निंदनीय है। 
सत्ता की संस्था द्वारा महिलाओं के साथ इस तरह का व्यवहार बेहद आपत्तिजनक और खतरनाक है। इस तरह की सोच वाले लोग पुलिस में होने के कारण ही देश व प्रदेश में महिलाओं का सम्मान और सुरक्षा दोनों पर हमले कम होने की बजाय बढ़ते ही जा रहे हैं। जब महिलाओं को सुरक्षा देने वाली राजकीय ताकतें महिलाओं के गुप्तांगों में पेट्रोल डालने की धमकी देंगे तो सड़क के लम्पटों और अपराधियों से वे महिलाओं को कैसे बचा सकते हैं, या महिलायें अपनी सुरक्षा के लिए इन पर कैसे भरोसा कर सकती हैं। 
बनारस के लंका थाना क्षेत्र के प्रभारी महेश मिश्रा के इस कुकृत्य की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। तथा मांग करते हैं कि उसे निलम्बित कर उसके खिलाफ कार्यवाही की जाय। 
संयोजक 
डल्यूएसएस
पद्मा सिंह  संध्या पाण्डेय  मुनीजा खान  सीमा आजाद  स्वाती आजाद

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