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भगतसिंह के लेख एवं दस्तावेज

शहीद भगत सिंह के लेख एवं दस्तावेज

शहीद भगत सिंह साम्राज्यवाद के खिलाफ भारतीय जनता के संघर्ष के सबसे उज्जवल नायकों में से एक रहे हैं. तेईस वर्ष की छोटी उम्र में शहीद होने वाले इस नौजवान को भारतीय जनता एक ऐसे उत्साही देशप्रेमी नौजवान के रूप में याद करती है जिसने ब्रिटिश साम्राज्यवाद से समझौताविहीन लड़ाई लड़ी और अंत में अपने ध्येय के लिए शहीद हुआ. लेकिन अपेक्षाकृत कम ही लोग भगत सिंह एवं उनके क्रांतिकारी साथियों के विचारों से सही मायनों में परिचित हैं. भगत सिंह एवं उनके साथियों के लेख एवं दस्तावेजों का व्यापक रूप से उपलब्ध न होना इसकी एक बड़ी वजह रहा है और हमारे आज के शासकों के लिए भी यही मुफीद है कि भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों को जनता के सामने न आने दिया जाये. क्योंकि भगत सिंह के लेख एवं दस्तावेज मनुष्य द्वारा मनुष्य के शोषण की व्यवस्था के बारें में सही और वैज्ञानिक समझ विकसित करते हैं और इसके खिलाफ जनता की लड़ाई को सही दिशा देते हैं. भगत सिंह उन विरले विचारकों में से थे जो उस समय ही यह बात जोर देकर कह रहे थे कि केवल अंग्रेजों के भारत से चले जाने से ही आम जनता की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आएगा जब तक की इस शोषणकारी व्यवस्था को न बदला जाय. हम यहाँ भगत सिंह द्वारा लिखित लेखों एवं दस्तावेजों के लिंक पीडीएफ फॉर्मेट में प्रस्तुत कर रहे हैं. काफी कोशिशों के बाद भी ‘ड्रीमलैंड की भूमिका’ जैसे कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज छूट गये हैं. पाठकों से आग्रह है की यदि आपके पास यह लेख हो तो कृपया इसे कमेन्ट बॉक्स में प्रेषित कर दें.

इन्कलाब की तलवार विचारों की शान पर तेज होती है 1930
असेम्बली हॉल में फेंका गया पर्चा 1930
हिंदुस्तान सोसलिस्ट एसोसिएशन का घोषणापत्र 1929
अछूत समस्या 1923
साम्प्रदायिक दंगे और उनका इलाज़ 1928
शहादत से पहले साथियों के नाम अंतिम पत्र 1929
विद्यार्थी और राजनीति 1928
विद्यार्थियों के नाम पत्र 1929
लेनिन मृत्यु वार्षिकी पर पत्र 1930
मैं नास्तिक क्यों हूँ 1931
बम का दर्शन 1930
बम कांड पर सेसन कोर्ट में बयान 1930
भगत सिंह का पत्र सुखदेव के नाम 1929
पिताजी के नाम पत्र 1930
नौजवान भारत सभा का घोषणापत्र 1928


छोटे भाई कुलतार के नाम अंतिम पत्र 1931
घर को अलविदा 1923
क्रन्तिकारी कार्यक्रम का मसौदा 1931
कौम के नाम सन्देश 1931
कुलबीर के नाम अंतिम पत्र 1931
युवक 1925
नए नेताओं के अलग विचार 1928
धर्म और हमारा स्वाधीनता संग्राम 1928
हमें गोली से उडा दिया जाये 1931
सम्पादक मॉडर्न रिव्यू के नाम पत्र 1929

2 comments:

VIRA SATHIDAR said...

Many thanks for the circulation!

अजनबी आवाज़ said...

बहुत बहुत धन्यवाद सर, यह जानकारी मुहैया कराने के लिए!