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Saturday, September 21, 2013

भगत सिंह छात्र मोर्चा (बीसीएम) का स्थापना सम्मलेन

















       २८ सितम्बर भगत सिंह की जयंती के अवसर पर भगत सिंह छात्र मोर्चा (बीसीएम) का स्थापना सम्मलेन है
विषय : साम्राज्यवादी वैश्वीकरण के दौर में छात्रों की स्थिति और समाज के क्रन्तिकारी पुनर्गठन में उनकी भूमिका |
स्थान : छोटा नागपुर वाटिका ,अस्सी चौराहा (वाराणसी)
समय : १० बजे
वक्ता : अरुण फरेरा
विशिष्ट वक्ता : @ चौथीराम यादव ,पूर्व विभागाध्यक्ष, हिंदी विभाग, बीएचयू
                   @ डा० प्रमोद बागडे ,दर्शनशास्त्र विभाग, बीएचयू
                   @ तैयब हुशैन  जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय ,छपरा (बिहार)
सभी ,युवा साथी ,छात्र-छात्राएं एवं बुद्धिजीवी सादर आमंत्रित है |

Friday, September 13, 2013

मानवाधिकार कार्यकर्ता साईबाबा के घर पुलिस छापा

जीएन साईबाबा


प्रोफ़ेसर जीएन साईबाबा का आरोप है कि पुलिस झूठे मामलों से उन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफ़ेसर जीएन साईबाबा के यूनिवर्सिटी कैंपस स्थित घर में गुरूवार दोपहर गढ़चिरौली और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीमों ने छापा मारा.
प्रोफ़ेसर जीएन साईबाबा बतौर सामाजिक कार्यकर्ता, रेवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट नाम की भी एक संस्था से जुड़े हुए हैं.
प्रोफ़ेसर साईबाबा का आरोप है कि पुलिस जब उनके घर आई तो उनसे कहा गया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के उनके आवास में चोरी का सामान रखे होने का संदेह है. पुलिस ने उन्हें सर्च वारंट भी दिखाया.
प्रोफ़ेसर के अनुसार सर्च वारंट महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ज़िले के अहेरी से जारी किए गए थे.

लेकिन प्रोफ़ेसर जीएन साईबाबा का आरोप है कि पुलिस ने झूठे मामलों में वारंट लाकर उनके घर की तलाशी ली.

'आवाज़ दबाने की कोशिश'

बीबीसी से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “पुलिस ऐसी हरकतों से मुझे डरा धमकाकर मेरी आवाज़ बंद करना चाहती है क्योंकि मैं मानवाधिकार की बात करता हूं. छत्तीसगढ़ में ऑपरेशन ग्रीनहंट का विरोध करता हूं और कहीं भी पुलिस की तरफं से की गई अमानवीय कार्रवाइयों का विरोध करता हूं.”
प्रोफ़ेसर साईबाबा का कहना है कि वो चाहते थे कि पुलिस की तलाशी उनके वकील के समक्ष ही हो, लेकिन पुलिस ने उनकी ये बात नहीं मानी.

उनका कहना है कि पुलिस ने कार्रवाई दोपहर तीन बजे शुरू की जो शाम साढ़े छह बजे तक चली और इस दौरान घर के दरवाज़े बंद रखे गए, किसी को भीतर आने नहीं दिया गया.

बीबीसी ने जब इस मामले पर पुलिस का पक्ष जानने के लिए गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक सुवेज़ हक़ से बात की तो उन्होंने शुक्रवार को आधिकारिक प्रतिक्रिया में अपना पक्ष रखने की बात कही.
प्रोफ़ेसर जीएन साईबाबा का आरोप है कि पुलिस उनके घर से इनका लैपटॉप, चार पेन ड्राइव, चार एक्सटर्नल हार्ड-डिस्क, कुछ किताबें अपने साथ ले गई है.

प्रोफ़ेसर साईबाबा पुलिस की इस कार्रवाई को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू के पूर्व छात्र हेम मिश्रा की गिरफ़्तारी से जोड़कर देख रहे हैं.

उन्होंने कहा, “जेएनयू के पूर्व छात्र हेम मिश्रा की गिरफ़्तारी का दिल्ली यूनिवर्सिटी और जेएनयू के शिक्षकों ने विरोध किया था, पुलिस को ग़ुस्सा इसी बात का है.”

 साभार : बीबीसी हिन्दी

Friday, September 6, 2013

भगत सिंह छात्र मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर ABVP के गुंडों द्वारा किये गए हमले का विरोध करें !

 चीफ प्राक्टर अरविंद कुमार जोशी द्वारा बीसीएम कार्यकर्ताओं पर हमले का षड़यंत्र  करने तथा गुंडा तत्वों को संरक्षण देने का विरोध करें !!



  बुधवार की शाम भगत सिंह छात्र मोर्चा के सचिव, साथी रितेश विद्यार्थी और ओमप्रकाश भारतेंदु हरिश्चन्द्र छात्रावास के रूम न० १३ में भगत सिंह छात्र मोर्चा के स्थापना सम्मलेन के सन्दर्भ में एक छात्र  से मिलने के लिए गए थे और वहाँ पर उससे  बातचीत कर रहे थे | तभी वहाँ पर ABVP से जुड़े कुछ गुंडे मुंह बांध कर हांकी स्टिक लेकर गाली देते हुए उनपर  हमला करने के लिए कमरे की तरफ बढ़े | तब ये लोग अन्दर से दरवाजा बंद करके पीछे के दरवाजे से भाग निकले और कंट्रोल रूम बी.एच.यू. को मदद के लिए फोन किये | प्राक्टर की गाड़ी आने पर वे गाड़ी में  बैठ गए | इसके बाद ABVP से जुड़े कुछ छात्रों ने बाहरी गुंडों के साथ बाईक लेकर गाड़ी को घेर लिया | प्राक्टर- पुलिस के सामने उन्हें  लात- घूसों  से मारा गया | जिससे सिर,आँख और पीठ पर चोटे आयीं | प्राक्टरकर्मी, चीफ प्राक्टर से और फ़ोर्स भेजने के लिए कहते रहे लेकिन चूँकि चीफ प्राक्टर ए.के.जोशी को यह पता चल गया था की यह हमला बीसीएम के सचिव रितेश विद्यार्थी पर हुआ है इसलिए उसने करीब एक घंटे तक कोई फ़ोर्स नहीं भेजा |  उल्टे रितेश विद्यार्थी को दो घंटे तक अनावश्यक चीफ प्राक्टर कार्यालय पर बैठाये रखा गया, जहाँ पर चीफ प्राक्टर ने  उन्हें ये धमकी दिया की "अब तक तुम्हें बहुत छोड़े हैं लेकिन इस बार नहीं छोड़ेंगे | " देर रात बीसीएम कार्यकर्ता ऍफ़ आई आर दर्ज कराने के लिए लंका थाना पहुंचे लेकिन ऍफ़ आई आर दर्ज नहीं किया गया | अगले दिन संगठन के कार्यकर्ताओं ने चीफ प्राक्टर अरविंद कुमार जोशी के बर्खाश्तागी की मांग करते हुए मुख्य द्वार  बी.एच.यू. पे धरना दिया और हमलावर गुंडों पर ऍफ़ आई आर दर्ज करने के लिए थाने का घेराव किया | तब जाकर देर शाम ऍफ़ आई आर दर्ज किया गया।

  बी.एच.यू.  में प्रशासन व गुंडा तत्वों के बीच के गठजोड़ के बारे में किसी से छिपा नहीं है | विश्वविद्यालय प्रशासन के सहयोग से ऐसी घटनाएँ  पूर्व में भी होती रही हैं | बी.एच.यू. प्रशासन लगातार गुंडा तत्वों को संरक्षण प्रदान करता रहा है जिसकी वजह से ABVP  से जुड़े गुंडे आये  दिन छात्राओं के साथ छेड़खानी, दलित व कमजोर छात्रों के साथ मारपीट एवं वामपंथी संगठनों  पर हमले करते रहे हैं | विश्वविद्यालय परिसर में वामपंथी संगठनों के विस्तार की असीम सम्भावनाये हैं लेकिन प्रशासन गुंडा तत्वों के सहयोग से उन्हें बलपूर्वक  कुचलने के प्रयास में लगा रहता है |

   भगत सिंह छात्र मोर्चा समस्त जनवादी छात्र-छात्राओं,बुद्धिजीवियों एवं संगठनों से यह अपील करता है कि वे प्रशासन के साँठ-गाँठ से हुए इस हमले का विरोध करें |